कुंभ मेला कहां-कहां लगता है और क्यों लगता है

कुंभ मेला कहां-कहां लगता है और क्यों लगता है

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महाकुंभ हर 12 साल में आयोजित होता है और यह चार प्रमुख स्थलों  जेसे  प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में घूम-घूमकर होता है।

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इसका आयोजन ग्रहों की विशेष स्थिति के आधार पर होता है, जैसे गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति के विशेष संयोग।

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 यह मेला  दुनियाभर में सबसे बड़ा मानव-समूह जुटाने वाला आयोजन है।

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महाकुंभ  में पवित्र नदियों में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति और पापों से मुक्ति  मानी जाती है।

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यहाँ नागा  साधु, अघोरी, संन्यासी और अन्य संप्रदायों के साधु-संतों का विशाल  जमावड़ा होता है।

 महाकुंभ  भारतीय कला, संस्कृति, संगीत और आध्यात्मिकता का अद्वितीय  प्रदर्शन है।

महाकुंभ मेले में चारों दिशाओं से श्रद्धालु, साधु और तीर्थयात्री जुटते हैं, जिससे यह आयोजन वैश्विक बनता है।

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मेले में धर्मगुरु और संत महात्मा उपदेश और प्रवचन देते हैं, जिससे आध्यात्मिक ज्ञान बढ़ता है।

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यह आयोजन भारत की गहरी धार्मिक आस्था और सामाजिक संरचना का प्रतिबिंब है।

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